राधा स्वामी सत्संग ब्यास में जसदीप सिंह गिल के नेतृत्व की नई युग की शुरुआत

राधा स्वामी सत्संग ब्यास में जसदीप सिंह गिल की नियुक्ति से जुड़ी प्रमुख बातें जो आपने पहले नहीं सुनीं!

राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने हाल ही में जसदीप सिंह गिल को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया है। 45 वर्षीय जसदीप सिंह गिल, जिनका अकादमिक और पेशेवर पृष्ठभूमि अत्यंत प्रभावशाली है, अब 2 सितंबर 2024 से डेरा ब्यास के नए संरक्षक और ‘संत सतगुरु’ के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

जसदीप सिंह गिल का शैक्षिक और पेशेवर करियर

जसदीप सिंह गिल ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से रसायन इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने हाल ही में सिप्ला लिमिटेड में मुख्य रणनीति अधिकारी के रूप में कार्य किया था। उनके पास एक समृद्ध पेशेवर अनुभव है जो उनके नई भूमिका में काम आने वाला है।

RSSB में नई भूमिका

राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) ने इस महत्वपूर्ण नियुक्ति की घोषणा सोमवार को की। RSSB के सचिव देवेंद्र कुमार सिकरी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने जसदीप सिंह गिल, जो सुखदेव सिंह गिल के पुत्र हैं, को 2 सितंबर 2024 से डेरा ब्यास सोसाइटी का संरक्षक नियुक्त किया है। जसदीप सिंह गिल बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों के उत्तराधिकारी के रूप में संत सतगुरु की भूमिका भी निभाएंगे और उन्हें नाम (दिक्षा) देने का अधिकार प्राप्त होगा।

संत सतगुरु के रूप में जिम्मेदारी

बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने यह भी व्यक्त किया कि जैसे उन्होंने हजूर महाराज जी के बाद संगत का पूरा समर्थन और प्रेम प्राप्त किया, वे चाहते हैं कि जसदीप सिंह गिल को भी वही समर्थन और प्रेम मिले ताकि वे अपनी नई भूमिका में प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें। जसदीप सिंह गिल का यह नया पद उन्हें धार्मिक नेतृत्व में एक नई दिशा देने की जिम्मेदारी सौंपता है, और उनके अनुभव और ज्ञान इस भूमिका में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

इस प्रकार, जसदीप सिंह गिल का यह सफर रसायन इंजीनियरिंग से लेकर धार्मिक गुरु बनने तक एक प्रेरणादायक यात्रा है, जो उनके जीवन की गहरी आध्यात्मिक खोज और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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